Haryana News: 700 KM लंबा नया एक्सप्रेसवे इन जिलों को मिलने जा रही बड़ी सौगात, सफर होगा आसान, व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

Haryana News: एक्सप्रेसवे के बढ़ते नेटवर्क से न केवल यात्रियों को राहत मिल रही है, बल्कि कारोबार भी रफ्तार पकड़ रहा है...

Haryana News: एक्सप्रेसवे के बढ़ते नेटवर्क से न केवल यात्रियों को राहत मिल रही है, बल्कि कारोबार भी रफ्तार पकड़ रहा है| अब यूपी के लोगों के लिए एक और बड़ी खबर सामने आई है| राज्य में एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जो गोरखपुर (Gorakhpur) से लेकर शामली (Shamli) तक फैलेगा| इस प्रोजेक्ट का नाम गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे रखा गया है|

गंगा एक्सप्रेसवे से भी लंबा होगा नया रास्ता
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 700 किलोमीटर होगी, जो इसे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बना देगा| फिलहाल यह खिताब गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) के पास है| इस हाईवे के बनने के बाद गोरखपुर से शामली की मौजूदा 15 घंटे की यात्रा घटकर सिर्फ 8 घंटे में पूरी हो सकेगी|

किन जिलों से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे?
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे 22 जिलों से होकर निकलेगा| इनमें शामिल हैं:
गोरखपुर, संत कबीरनगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ (Lucknow), अयोध्या (Ayodhya), सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली|

कितना खर्च होगा और क्यों है यह खास?
इस प्रोजेक्ट पर करीब 35,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है| यह योजना भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत बनाई जा रही है| एक्सप्रेसवे का मकसद न केवल पूर्वी और पश्चिमी यूपी को जोड़ना है, बल्कि इससे हरियाणा, पंजाब, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों तक की दूरी भी कम हो जाएगी|

एक और बड़ी योजना– गोरखपुर से सिलिगुड़ी तक
गोरखपुर से एक और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तैयार किया जा रहा है, जो सिलिगुड़ी (Siliguri) तक पहुंचेगा| यह करीब 6 लेन का होगा और इसकी लागत लगभग 25,000 करोड़ रुपये है| यह एक्सप्रेसवे उत्तर-पूर्व भारत को जोड़ने के लिहाज से अहम भूमिका निभाएगा|

आपातकालीन स्थिति में उतरेगा विमान
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि आपात स्थिति में वायुसेना के विमान भी उतारे जा सकें| इसके लिए खास तौर पर हवाई पट्टी (Airstrip) बनाई जाएगी| यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम कदम माना जा रहा है|

पर्यावरण का भी रखा जाएगा ध्यान
इस एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर हरियाली बढ़ाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) बनाया जाएगा| इसके तहत सड़क के पास हजारों पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे और सफर भी सुखद हो|

दिल्ली, देहरादून और अंबाला से होगी कनेक्टिविटी
यह नया एक्सप्रेसवे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे और अंबाला-शामली इकोनॉमिक कॉरिडोर (Ambala-Shamli Economic Corridor) से भी जोड़ा जाएगा| इसकी शुरुआत शामली के गोगवान जलालपुर (Gogwan Jalalpur) से होगी|

व्यापार और ट्रांसपोर्ट को मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद लखनऊ और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से गोरखपुर की कनेक्टिविटी बेहतर होगी| इससे आयात-निर्यात और व्यापार को मजबूती मिलेगी, जिससे स्थानीय उद्योगों को भी फायदा पहुंचेगा|

रूपेश सोनी

रूपेश सोनी हरियाणा के हिसार से पत्रकार है। वे पिछले लम्बे समय से पत्रकारिता जगत में सक्रिय है। 2022 में newsfunda और कलमकार न्यूज पोर्टल पर अपनी शुरुवात की थी।
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